इस्लाम यह है कि - 3 | जानने अल्लाह

इस्लाम यह है कि - 3


Site Team

आप इस बात पर विश्वास रखें कि अल्लाह ने सन्देष्टाओं पर किताबें अवतरित की हैं,  जैसे तौरात,  इन्जील,  ज़बूर और उन में अनितम पुस्तक क़ुरआन है जो मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम (उन पर अल्लाह की कृपा एंव शानित हो ) पर अवतरित हुर्इ। ये सभी पुस्तकें एकमात्र अल्लाह की इबादत का आदेश देती हैं जिस का कोर्इ साझी नहीं। परन्तु समय बीतने के साथ-साथ ये पुस्तकें परिवर्तन एवं सन्शोधन का निशाना बन गर्इं। यह परिवर्तन धर्म के दुश्मनों ने किया जो अवैद्ध रूप से लोगों का धन खाते हैं। केवल क़ुरआन इस परिवर्तन से सुरक्षित रहा जो पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर अवतरित हुआ, जो लोगों के सीनों में सुरक्षित है। अल्लाह तआला ने इसे मनुष्य के लिए एक चमत्कार बना दिया है तथा इस के नष्ट और परिवर्तित होने से सुरक्षा करने की जि़म्मेदारी अल्लाह ने स्वयं उठार्इ है। अल्लाह ने इसे पिछली किताबों पर निरीक्षक और प्रधान बना दिया। इस के अन्दर ऐसे वैज्ञानिक चमत्कार पाए जातें हैं जिन की गवाही वर्तमान काल के महान वैज्ञानिकों ने दी है।

Previous article Next article

Related Articles with इस्लाम यह है कि - 3

  • वास्तविक धर्म-शास्त्र

    Site Team

    वास्तव में इस्लामी अहकाम केवल खयालात की दुनिया में बयान नहीं किये जाते बलिक यह एक वास्तविक धर्म है जो मानवता की

    07/03/2013 3768
  • कोमल धर्म-शास्त्र

    Site Team

    बेशक इस्लाम ने समय, स्थान और अवस्था के परिवर्तन को यूँ ही नहीं छोड़ दिया बलिक विद्वानों को नये मसाइल के संबंध में

    04/03/2013 3215
  • नव मुस्लिम का इस्लामी कर्तव्यों की क़ज़ा करना

    Site Team

    एक आदमी ने इस्लाम स्वीकार किया और उसकी आयु चालीस साल है। क्या वह छूटी हुई नमाज़ों की क़ज़ा करेगा ? हर प्रकार की

    16/06/2013 3230
जानने अल्लाहIt's a beautiful day